Check Plagiarism Online in Hindi | Research Paper Plagiarism Checker online in hindi |
TLDRइस वीडियो में हमने प्लगियरिज़म चेकर के बारे में बात की है। यह मास्टर डिग्री, पीएचडी या रिसर्च पेपर लिखने वाले स्टूडेंट्स के लिए महत्वपूर्ण है। वीडियो में बताया गया है कि कैसे ऑनलाइन टूल का उपयोग करके आपकी लिखित सामग्री की प्लगियरिज़म रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं। इसमें बताया गया है कि कैसे वेबसाइट पर जाकर अपनी रिसर्च पेपर को अपलोड करके, उसकी प्लगियरिज़म की प्रमाणिति कर सकते हैं। वीडियो के अंत में, रिपोर्ट डाउनलोड करने की प्रक्रिया भी बताया गया है।
Takeaways
- 📋 साहित्यिक चोरी को हिंदी में प्लैगिज्म कहते हैं, जिसका मतलब होता है कि किसी और का कंटेंट चुराना।
- 🎓 मास्टर डिग्री या पीएचडी करने वाले छात्रों के लिए प्लैगिज्म रिपोर्ट जरूरी होती है, खासकर रिसर्च पेपर के लिए।
- 📑 रिसर्च पेपर और थीसिस वर्क में यूनिक कंटेंट होना चाहिए, बिना किसी कॉपी पेस्ट के।
- 📝 रिसर्च पेपर बनाने के बाद, उसे पब्लिश करने से पहले प्लैगिज्म चेक करना जरूरी है।
- 🔍 प्लैगिज्म चेक करने के लिए वेबसाइट जैसे smallseotools.com का उपयोग कर सकते हैं, जहां रिसर्च पेपर को पेस्ट करके रिपोर्ट प्राप्त की जाती है।
- 📊 वेबसाइट पर चेक करने के बाद, यह रिपोर्ट दिखाता है कि कितने प्रतिशत कंटेंट यूनिक है और कितना कॉपी किया गया है।
- 💻 प्लैगिज्म रिपोर्ट डाउनलोड की जा सकती है, जिसमें पूरा डाटा और यूनिक कंटेंट का प्रतिशत शामिल होता है।
- 📚 रिसर्च पेपर या थीसिस पब्लिश करने के लिए प्लैगिज्म रिपोर्ट 80% से अधिक यूनिक होना चाहिए।
- ❌ कॉपीराइटेड कंटेंट, जैसे बॉलीवुड गाने या कहानियाँ, बिना अनुमति के उपयोग नहीं किए जा सकते।
- 👍 रिसर्च पेपर चेक करने के बाद रिपोर्ट डाउनलोड करें और अपनी लैंग्वेज में यूनिक वर्क सबमिट करें।
Q & A
प्लैगियरिसम की जांच कैसे करें?
-प्लैगियरिसम की जांच करने के लिए, आप अपने शोध-कागज को ऑनलाइन टूल्स जैसे कि 'Small SEO tool.com' पर कॉपी और पेस्ट कर सकते हैं, जो आपको प्रतिशत के रूप में कॉपी पेस्ट और यूनिक कंटेंट की जानकारी प्रदान करेगा।
प्लैगियरिसम रिपोर्ट की आवश्यकता कब होती है?
-प्लैगियरिसम रिपोर्ट की आवश्यकता तब होती है जब आपका काम पब्लिश होने वाला है, जैसे कि मास्टर डिग्री, पीएचडी या किसी रिसर्च पेपर के लिए।
मास्टर डिग्री के लिए कितने रिसर्च पेपर की जरूरत होती है?
-मास्टर डिग्री के लिए आमतौर पर दो रिसर्च पेपर की जरूरत होती है, और इन्हें पब्लिश करने के लिए प्लैगियरिसम रिपोर्ट की जरूरत होती है।
प्लैगियरिसम रिपोर्ट में कितने प्रतिशत यूनिक कंटेंट होना चाहिए?
-अधिकतम संस्थानों में, 80 प्रतिशत से अधिक यूनिक कंटेंट होना चाहिए। कुछ संस्थानों में इसकी आवश्यकता 100 प्रतिशत तक हो सकती है।
क्या आप किसी भी ऑनलाइन टूल का नाम बता सकते हैं जो प्लैगियरिसम की जांच करने में मदद करे?
-हाँ, 'Small SEO tool.com' एक ऐसी वेबसाइट है जो आपकी रिसर्च पेपर के प्लैगियरिसम की जांच करने में मदद कर सकती है।
प्लैगियरिसम रिपोर्ट डाउनलोड करने के लिए कौन सी चरणों का पालन करना है?
-प्लैगियरिसम रिपोर्ट डाउनलोड करने के लिए, आपको वेबसाइट पर जाना है, अपना काम पेस्ट करना है, 'चेक प्लैगियरिसम' पर क्लिक करना है, और रिपोर्ट डाउनलोड करने के लिए 'डाउनलोड रिपोर्ट' पर क्लिक करना है।
प्लैगियरिसम रिपोर्ट में कॉपी पेस्ट की मात्रा का क्या मतलब होता है?
-प्लैगियरिसम रिपोर्ट में कॉपी पेस्ट की मात्रा वहां तक की मात्रा बताती है जो आपने किसी अन्य स्रोत से कॉपी किया है, और यह आपके काम की ओरिजिनलिटी का प्रमाण नहीं करता।
अगर मेरा रिसर्च पेपर में अधिक से अधिक कॉपी पेस्ट मिलता है, तो मुझे क्या करना चाहिए?
-अगर आपके रिसर्च पेपर में अधिक से अधिक कॉपी पेस्ट मिलता है, तो आपको अपनी कंटेंट को बदलना होगा और अपनी भाषा में अपना खुद का काम करना होगा।
प्लैगियरिसम की जांच के लिए ऑनलाइन टूल का उपयोग क्यों महत्वपूर्ण है?
-प्लैगियरिसम की जांच के लिए ऑनलाइन टूल का उपयोग महत्वपूर्ण है क्योंकि वे आपकी कंटेंट की ओरिजिनलिटी की पुष्टि करने में मदद करते हैं और आपको अपने काम में किसी भी प्रकार की साहित्यिक चोरी के आरोपों से बचाते हैं।
अगर मैंने किसी अन्य स्रोत से कॉपी पेस्ट किया हो, तो क्या होगा?
-अगर आपने किसी अन्य स्रोत से कॉपी पेस्ट किया हो, तो आपके रिसर्च पेपर या काम की ओरिजिनलिटी प्रभावित हो सकती है, और आपको अपने काम में ऐसे बदलाव करना पड़ सकता है जिससे यह प्लैगियरिसम रिपोर्ट में अच्छी तरह से प्रदर्शित हो।
Outlines
📝 Understanding Plagiarism Reports for Research Work
The first paragraph explains the concept of plagiarism (known as 'साहित्यिक चोरी' in Hindi) and its significance for students pursuing a master's degree, Ph.D., or involved in research work. It highlights that plagiarism reports must be submitted with research papers, thesis, or other academic submissions. The report checks whether the work is original and not copied. For master's students, two research papers are generally required, while more papers are needed for Ph.D. candidates. It further compares the concept of copyright in Bollywood songs and stories to the copyright rules in research work, emphasizing that work must be unique and created in one’s own words.
📄 Checking Plagiarism Using Online Tools
The second paragraph provides a step-by-step guide on how to check plagiarism using a specific online tool ('Small SEO Tools'). It details the process of copying sections of a research paper and pasting them into the tool to analyze the uniqueness of the work. The tool then generates a report showing the percentage of the paper that is original versus copied content. The paragraph also mentions that the allowed percentage of copied content varies by institution, but typically, at least 80% of the work must be original. Users are encouraged to revise their work if too much is flagged as copied.
Mindmap
Keywords
प्लैगरिज्म
रिसर्च पेपर
थीसिस
कॉपीराइट
प्लैगरिज्म रिपोर्ट
यूनिक कंटेंट
स्मॉल एसईओ टूल्स
आई एम नॉट अ रोबोट
रिपोर्ट डाउनलोड
कॉपी पेस्ट
Highlights
प्लेजरिज्म का हिंदी में मतलब साहित्यिक चोरी होता है और यह रिसर्च वर्क करने वालों के लिए जरूरी है।
प्लेजरिज्म रिपोर्ट मास्टर डिग्री और पीएचडी के रिसर्च पेपर्स में सबमिट करना अनिवार्य होता है।
रिसर्च पेपर्स और थेसिस वर्क को पब्लिश करने से पहले प्लेजरिज्म रिपोर्ट चेक करना चाहिए।
स्मॉल एसईओ टूल्स वेबसाइट का उपयोग करके प्लेजरिज्म चेक किया जा सकता है।
रिसर्च पेपर को थोड़ा-थोड़ा करके कॉपी पेस्ट कर प्लेजरिज्म चेक करना होता है।
आमतौर पर, 80% से अधिक यूनिक कंटेंट को स्वीकार किया जाता है।
वेबसाइट प्लेजरिज्म चेक करने के बाद प्रतिशत दिखाती है कि कितना कंटेंट यूनिक है और कितना कॉपी है।
प्लेजरिज्म रिपोर्ट में बताया जाता है कि रिसर्च पेपर में कितना प्रतिशत कॉपी और यूनिक कंटेंट है।
कॉपी पेस्ट से बचने के लिए रिसर्च पेपर को अपनी भाषा में लिखना जरूरी है।
रिसर्च पेपर की रिपोर्ट डाउनलोड कर उसे गाइड या कॉलेज को सबमिट किया जा सकता है।
प्लेजरिज्म रिपोर्ट में रिसर्च पेपर का पूरा डाटा होता है जो चेक किया गया है।
रिपोर्ट में दिखाया जाता है कि रिसर्च पेपर में कौन-कौन से हिस्से कॉपी पेस्ट किए गए हैं।
अगर रिपोर्ट में कुछ कॉपी पेस्ट पाया जाता है तो उसे बदलने की सलाह दी जाती है।
बॉलीवुड गानों की तरह रिसर्च पेपर के भी कॉपीराइट्स होते हैं, जिन्हें बिना अनुमति के कॉपी नहीं किया जा सकता।
वीडियो को लाइक और चैनल को सब्सक्राइब कर प्लेजरिज्म से जुड़े और भी उपयोगी वीडियो देख सकते हैं।